ब्यूरो रिपोर्ट- उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के विशेष शिक्षा विभाग द्वारा देहरादून परिसर में नामांकित बीएड विशेष शिक्षा के द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों की सात दिवसीय कार्यशाला का समापन गंगोत्री विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, बापूग्राम, ऋषिकेश के चंद्रावती सभागार में किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के विशेष शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल द्वारा इन सात दिवसीय कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि कार्यशाला में सभी विद्यार्थियों को बौद्धिक रूप से अक्षम, दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित व अधिगम अक्षमता से ग्रसित बच्चों के अध्ययन अध्यापन की तकनीकियों का ज्ञान दिया गया। साथ ही सांकेतिक भाषा में प्रशिक्षण प्रदान करते हुए अधिगम अक्षम बच्चों के लिए विशेष पाठ योजना एवं तकनीकी का प्रशिक्षण भी उनको प्रदान किया गया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार मलासी द्वारा अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों से अपेक्षा की गई कि भविष्य में वह एक संवेदनशील शिक्षक होने के साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करके एक अच्छे विशेष शिक्षक के रूप में विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। साथ ही विशेष शिक्षा के कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करते हुए विशेष बच्चों की शिक्षा व पुनर्वास के लिए सशक्तिकरण हेतु कार्य करेंगे। प्रतिभागी छात्रों में राजस्थान से आए राकेश राम बिश्नोई ने कार्यशाला को बहुत उपयोगी बताया साथ ही नवीन तकनीकियों का ज्ञान प्राप्त करने में यह कार्यशाला सहायक सिद्ध हुई है। प्रतिभागी छात्रा भावना डंगवाल ने कार्यशाला को को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता को होने वाली समस्याओं के निदान में सहायक बताया साथी विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह की कार्यशालाएं अभिभावकों के लिए भी लगाए जाने का अनुरोध किया। कार्यशाला के अंत में विशेष शिक्षा विभाग के सहायक अध्यापक इस तरुण द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यशाला में में गढ़वाल मंडल के चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पौड़ी, देहरादून व हरिद्वार जिले के अतिरिक्त राजस्थान, हरियाणा पंजाब, उत्तर प्रदेश व बिहार राज्य से प्रतिभागी कार्यशाला में उपस्थित रहे।
