ब्यूरो रिपोर्ट। आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले प्रसाद के लड्डू में मिलावट को लेकर तीर्थनगरी नगरी ऋषिकेश के संतों में भी बहुत गुस्सा है। भगवान तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट की रिपोर्ट आने के बाद से पूरे देश मे सियासी धर्म युद्ध छिड़ गया हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली का तेल और पशु की चर्बी की प्रयोगशाला की रिपोर्ट में पुष्टि होने पर तीर्थनगरी ऋषिकेश के संतों में गुस्सा देखने को मिला । संत समाज ने इस घटना को न केवल आंध्र प्रदेश से जोड़ा बल्कि उन्होंने कहा कि सनातन के विरुद्ध में यह षडयंत्र पूरे राष्ट्र में चल रहा है समस्त उत्तराखंड के संत समाज इसका पुरजोर विरोध करता है । विरक्त वैष्णव मंडल अखिल भारतीय संत समिति ने तो दोषियों को फांसी देने की मांग की। विरक्त वैष्णो मंडल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज ने कहा कि भारतीय परंपरा के करीब 90 करोड लोग बालाजी में विश्वास रखते हैं इस मंदिर में यदि इस तरह का कुचक्र रचा गया तो इसमें केवल देश के षड्यंत्रकारी ही नहीं विदेश और आतंकवाद की गतिविधियों में सम्मिलित लोगों का हाथ है । कहा कि अयोध्या काशी मथुरा व समस्त भारत के पौराणिक मंदिरों से भी प्रसाद का सैंपल लिया जाना चाहिए । तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रसन्नाचार्य महाराज ने कहा तिरुपति बालाजी मंदिर में स्वयं लक्ष्मीपति भगवान विष्णु विरासते हैं वहां पर इस तरह का कुचक रचने वालों की जांच होनी चाहिए ऐसे तीर्थ स्थलों पर ऐसे घटनाक्रम के लिए सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए । जगद्गुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य महाराज ने कहा कि इस घटना से देशभर में सनातन धर्म को मानने वाले आहत हुए है उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा है। महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज समेत बड़ी संख्या में संतों ने कहा कि देश में अब सनातन की रक्षा के लिए संतों को कमान संभालती पड़ेगी यह घटना 100 करोड़ से अधिक हिंदुओं का अपमान है उन्होंने इसकी जांच सीबीआई से करने की मांग की ।साध्वी ज्योतिर्मय नंद सरस्वती ने कहा कि अब समय आ गया है मातृशक्ति को झांसी की रानी बनना पड़ेगा । घर में बर्तन माजने से बढ़िया है कि आप समाज के लिए आगे आकर सनातन धर्म की लड़ाई लड़े और पूरे भारत को संगठित करें।
