हेली एंबुलेंस ने एक दिन में बचाई दो गंभीर रोगियों की जान

ब्यूरो रिपोर्ट । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश की ओर से संचालित आपातकालीन एयर एंबुलेंस सेवा दुर्घटनाओं में गंभीर घायलों व अत्यधिक अस्वस्थ सुदूरवर्ती क्षेत्रों के मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। हररोज सूबे के विभिन्न जनपदों से एयर लिफ्ट कर एम्स अस्पताल में पहुंच रहे मरीज इसके प्रमाण हैं। लोग गंभीर श्रेणी के मरीजों को तत्काल व उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एम्स व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से संचालित इस आपातकालीन सेवा का बखूबी लाभ ले रहे हैं। एंम्स द्वारा संचालित हेली एंबुलेंस के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि हेली एंबुलेंस ट्रॉमा के मरीजों के साथ साथ लगातार हृदय रोग, सांस रोग, स्ट्रॉक आदि से ग्रसित गंभीर रोगियों व प्रसूताओं के लिए भी तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में लाभदायक साबित हो रही है। बीते बुधवार को उत्तरकाशी से एक गंभीर केटेग्री की गंर्भवती महिला पेशेंट को हेली एंबुलेंस के माध्यम से चिकित्सा के लिए एम्स पहुंचाया गया, जिसे सुरक्षित डिलीवरी के मुकम्मल संसाधनों के अभाव में स्थानीय अस्पताल से हायर सेंटर एम्स,ऋषिकेश के लिए रेफरल किया गया। डॉ. कविता खोईवाल व सीनियर नर्सिंग ऑफिसर अखिलेश उनियाल के आब्जर्वेशन में एम्स अस्पताल पहुंची पेशेंट का प्रसूति विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सफलतापूर्वक हाई रिस्क सर्जरी को अंजाम देकर सकुशल प्रसव कराया गया, बताया गया है कि जच्चा बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इसी प्रकार बुधवार को ही गौचर से हार्ट अटैक से ग्रसित पेशेंट को चेस्ट पेन की शिकायत पर हेली एंबुलेंस से एम्स पहुंचाया गया। जिसे डॉ. निशांत मिश्रा व नर्सिंग ऑफिसर ताराचंद वर्मा की देखरेख में एम्स अस्पताल लाया गया है, मरीज का इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञों द्वारा इमरजेंसी रेड एरिया में आपातकालीन चिकित्सा दी गई, इसके बाद पेशेंट को कॉर्डियो आईपीडी में भर्ती किया गया है, जहां हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा मरीज की सफलतापूर्वक हाईरिस्क सर्जरी की गई है। चिकित्सकों के अनुसार अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है एवं उन्हें अंडर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। एम्स निदेशक मीनू सिंह ने कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित और राज्य सरकार की ओर जनसुविधा को समर्पित हेली एम्बुलेंस सेवा सदैव उत्तराखंड में आपातकालीन स्थिति में सेवाएं देने के लिए तत्पर रहेगी।गंभीर मरीजों व प्रसूताओं के लिए यह संजीवनी सेवा पूरी तरह से निशुल्क सेवा है। उत्तराखंड राज्य में जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए एम्स का उत्तराखंड सरकार को पूर्ण सहयोग मिलेगा।

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