विरक्त वैष्णव मंडल और संत समिति ने CM धामी से की ये मांग ……. मुनिकीरेती, तपोवन और नीलकंठ क्षेत्र में बंद हो शराब की बिक्री

ब्यूरो रिपोर्ट। उत्तराखंड शासन की ओर से आबकारी नीति के तहत तीर्थ नगरी ऋषिकेश और हरिद्वार में शराब के डिपार्टमेंटल स्टोर और बार के लाइसेंस निरस्त किए जाने संबंधी फैसले का तीर्थनगरी ऋषिकेश के संत समाज ने स्वागत किया है। विरक्त वैष्णव मंडल और संत समिति ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि ऋषिकेश की तर्ज पर मुनिकीरेती, तपोवन और नीलकंठ क्षेत्र में शराब की जो ठेके खोले गए हैं, उनके लाइसेंस भी यहां के धार्मिक महत्व को देखते हुए निरस्त किया जाए। बता दें कि आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने शुक्रवार को जारी आदेश में ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में खुले बाहर के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश जारी किए थे। इससे पूर्व तीर्थ नगरी क्षेत्र में खुले शराब बिक्री के डिपार्टमेंटल स्टोर को भी बंद कर दिया गया था। तीर्थ नगरी के महत्व को समझते हुए उत्तराखंड शासन की ओर से उठाए गए इस कदम का संत समाज ने स्वागत किया है। संतों की प्रमुख संस्था विरक्त वैष्णव मंडल के अध्यक्ष, श्री राम तपस्थली आश्रम ब्रह्मपुरी के पीठाधीश्वर, द्वाराचार्य श्रीमद जगतगुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम देवाचार्य महाराज समय-समय पर कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश को शराब की बिक्री से मुक्त करने की मांग उठाते आए हैं। तीर्थ नगरी ऋषिकेश में डिपार्टमेंटल स्टोर और बार के लाइसेंस निरस्त किए जाने को उन्होंने तीर्थ क्षेत्र का सम्मान बताया। उन्होंने बताया कि कुंभ क्षेत्र में मुनिकीरेती, तपोवन, गरुड़ चट्टी, नीलकंठ महादेव क्षेत्र भी शामिल है। अभी भी इन क्षेत्रों में अंग्रेजी और देसी शराब के ठेके संचालित हो रहे हैं। गरुड़ चट्टी में गंगा से 50 मीटर की दूरी पर ठेका खोला गया है। उन्होंने कहा कि तपोवन और मुनिकीरेती क्षेत्र के होटल, रिसोर्ट आदि में पर्यटकों को अवैध रूप से शराब परोसी जाती है। ऋषिकेश की गली गली में अब शराब बिक रही है,जिसका संत समाज विरोध करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से संबंधित क्षेत्र को भी शराब की वैध और अवैध बिक्री से मुक्त करने की मांग की है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री व ईश्वर आश्रम के महंत ईश्वर दास महाराज ने कहा कि ऋषिकेश में बार और डिपार्टमेंटल स्टोर बंद किए जाने का जो फैसला शासन ने लिया है,वह देर से लिया गया अच्छा कदम है। सरकार की मंशा यदि वास्तव में तीर्थ नगरी क्षेत्र की संस्कृति और पहचान को संरक्षण देना है तो शासन को अति शीघ्र कुंभ क्षेत्र में शामिल ऋषिकेश के सभी क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय संत समिति विभिन्न मंचों से इस मांग को उठती आई है। अगर जरूरत पड़ी तो समिति इसके लिए सड़कों पर आने के लिए भी तैयार है।  तुलसी मानस मंदिर ऋषिकेश के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि तीर्थ नगरी में शराब बिक्री रोके जाने के मामले में पूरा संत समाज समिति के साथ है। गंगा-यमुना- सरस्वती के संगम स्थल ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए। प्राचीन सिद्ध लक्ष्मण मंदिर के महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र भगवान श्री राम, भगवान भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न की तपोभूमि है। यहां किसी भी तरह के असमाजिक कार्य स्वीकार नहीं किए जाएंगे। क्षेत्र में शराबबंदी को लेकर विरक्त वैष्णव मंडल जो भी कदम उठाएगा संत समाज इसमें अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करेगा।

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