ब्यूरो रिपोर्ट – डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन सभागार पौड़ी में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि शीतकाल को दृष्टिगत रखते हुए जनपद के संवेदनशील, पालाग्रस्त सड़क स्थलों का चिन्हीकरण कर एक माह के भीतर समुचित कार्य कराते हुए, मार्ग को सुगम बनाना सुनिश्चित करें। जिससे वाहनों के रपटने का खतरा न बना रहे। साथ ही उन्होंने परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि लोक निर्माण विभाग से मार्गों के प्रपोजल लेना सुनिश्चित करें। इस दौरान उन्होंने मार्गों की जानकारी लेते हुए सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि दुर्घटना वाले स्थानों में बोर्ड तथा मोडो पर मिरर लगाना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि स्पिट ब्रेकर में थर्मा प्लास्टिक पेंट लगाएं, जिससे वाहन चालकों को ध्यान रहते हुए सावधानी बरत सकेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने सम्बन्धित अधिकारी से घटित सड़क दुर्घटनाओं, चिन्हित ब्लैक स्पॉट के सुधार, दुर्घटना संभवित क्षेत्रों के चिन्हीकरण, वाहन चालकों की ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेक, गड्डो के कारण दुर्घटना, हिट एंड रन प्रकरणों सहित 15 बिंदुओं कर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि कोटद्वार में आबंटित भूमि पर ड्राइविंग टेस्ट सेंटर हेतु डीपीआर बनवाने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने परिवहन व पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि श्रीनगर व कोटद्वार नगर क्षेत्र में सांय के समय अधिक दुर्घटना होने पर अधिक से अधिक संख्या में इंफोरमैन एक्टिविटी करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जो ऐसे मार्ग हैं जहां दुर्घटना होने की अधिक संभावनाएं हैं वहां दो ब्लैक स्पाटों का चिन्हीकरण कर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कमेठी द्वारा जहां रोड़ सेफ्टी आडिट का निरीक्षण किया गया है वहां सुधारीकरण करना सुनिश्चित करें। जिससे उन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं का प्रभाव कम हो सकेगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा जो छोटी सड़के राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य मार्ग से मिलती हैं उन क्षेत्रों में बोर्ड, साइनेज, केट आई, सहित अन्य सुरक्षा के कार्य नहीं किये जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देशित किया कि उन क्षेत्रों में जिला योजना निधि या अन्य निधि से कार्य किया जा सकेगा। जिस हेतु उन्होंने उक्त स्थलों के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
साथ ही उन्होंने वाहन दुर्घटना की लंबित एक मजिस्ट्रेट जांच को 15 दिवस के अंदर पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि दुर्घटना हेतु जो ट्रामा सेंटर स्थापित किये गए हैं उन पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। जिससे दुर्घटना होने पर मरीजों को उन ट्रामा सेंटरों में भर्ती कर बेहतर उपचार किया जा सकेगा। तथा अस्पताल में तैनात डॉक्टर को ट्रामा सेंटर में कार्य हेतू नामित कर तैनाती की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। आरटीओ ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में हिट एंड रन की कोई मामला नहीं है। उन्होंने बताया कि
