ब्यूरो रिपोर्ट – अंतरर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा एवं आवासीय कल्याण समिति उग्रसैन नगर ऋषिकेश के संयुक्त तत्वावधान में उग्रसेन नगर स्थित मैदान में शुक्रवार सांय इगास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान लोक संस्कृति की सप्तरंगी छटा भी बिखरी। ढोल-दमाऊ, मसक बाजा, तूरी, रणसिंघा आदि लोक वाद्ययंत्रों ने सभी को उल्लास से भर दिया और हर कोई झूमते-नाचते भैलो खेलने लगा। साथ ही लोक व्यंजनों की खुशबू से भी पूरा वातावरण महकता रहा। आपको बता दे कि गढ़वाल में दीपावली के 11 दिन बाद यानी देवोत्थान एकादशी को इगास बग्वाल पर्व मनाया जाता है ।कार्यक्रम आयोजक महासभा के अध्यक्ष ड़ॉ राजे नेगी एवं समिति उपाध्यक्ष एम एस राणा ने बताया कि इगास पर्व का सीधा संबंध वीरभड्ड माधो सिंह भंडारी की वीर विजय गाथा से जुड़ा है।16 वीं शताब्दी में दापाघाट के युद्ध मे गढ़वाल की सेना द्वारा तिब्बती सेना को पराजित किया गया था।जिस वक्त ये युद्ध चल रहा था उस वक्त दीपावली का त्यौहार था ओर गढ़वाल की सेना युद्ध मे लगी थी दिवाली के ठीक 11 दिन बाद वीरभड्ड माधो सिंह के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना तिब्बत पर विजय होकर लौटी। जिसके बाद सभी घरों में दिवाली इगास पर्व के रूप में धूमधाम से मनाई गई।इससे पहले कार्यक्रम बतौर मुख्यातिथि शिरकत के लिए पहुंची । महापौर अनिता ममगाई ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विलुप्त होती संस्कृति के संरक्षण को इसी तरह के सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।आज गांव खाली हैं और शहरों में रह रहे लोग भी अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। इस दौरान क्षेत्रीय पार्षद राधा रमोला,उग्रसेन नगर आवासीय कल्याण समिति के अध्यक्ष रघुवंश कुमार सचिव बृजभूषण शर्मा कोषाध्यक्ष एन के शर्मा उप सचिव एम एल सकलानी,लोकगायक धूम सिंह रावत,उत्तम सिंह असवाल,सीता पयाल,कुसुम जोशी,मधु असवाल,डॉ गौरव भल्ला,दीपक तायल समेत गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।