ब्यूरो रिपोर्ट- उत्तराखंड विधानसभा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और भाजपा सरकार में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में नियुक्त कर्मचारियों को सेवा से निकाले जाने के सरकार के निर्णय पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल कर्मचारियों की नौकरी बनी रहेगी। बताते चले कि कुछ दिन पूर्व वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां को रद्द किया था । जिसमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं नियुक्तियां शामिल हैं। वहीं उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले मामले में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया था ।
विधानसभा में बैक डोर भर्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी । जांच में इन्हें नियम विरुद्ध होना पाया गया है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है। इस रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियां, 2020 में हुईं 6 तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियां और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द की गई थी। विधानसभा से हटाए कर्मचारी इस मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट गए थे । सरकार के इस फैसले पर अब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।