ब्यूरो रिपोर्ट – एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने सूबे के नव नियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से शिष्टाचार भेंट कर शुभकामनाएं दी। इस दौरान निदेशक एम्स ने उन्हें संस्थान में कोविड 19 की संभावित तीसरी वेब के मद्देनजर की गई जरुरी तैयारियों से अवगत कराया। साथ ही मुख्यमंत्री से एम्स परियोजना के विस्तारीकरण के लिए अरसेभर से लंबित 200 एकड़ भूमि की उपलब्धता प्रकरण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। गुरुवार रात एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने सीएम, उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दी । इस दौरान निदेशक ने मुख्यमंत्री को एम्स ऋषिकेश में मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाओं से अवगत कराया, साथ ही उन्हें बताया कि संस्थान में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों से नियमिततौर पर मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं, जिन्हें एम्स ऋषिकेश के विभिन्न विभागों में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। इस अवसर पर एम्स निदेशक ने सीएम को कोविड की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर संस्थान में की गई जरुरी तैयारियों से अवगत कराया, उन्हें बताया गया कि आईडीपीएल में संचालित डीआरडीओ के 400 बेड के अस्पताल के अतिरिक्त थर्ड वेब के मद्देनजर एम्स में मरीजों के लिए बच्चों के लिए 100 बेड का एनआईसीयू व वयस्कों के लिए 200 अतिरिक्त बेड्स का वेंटिलेटर युक्त आईसीयू तैयार किया है,जिसमें वर्ल्ड क्लास सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही कोविड 19 थर्ड वेब से निबटने के लिए डीआरडीओ के अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसर्स, तकनीकि स्टाफ आदि मैनपावर का उपयोग संस्थान में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चूंकि कोरोना वायरस बार बार अपने स्वरूप में बदलाव कर रहा है और हरबार और अधिक आक्रामकरूप अख्तियार कर रहा है, लिहाजा हमें वेंक्सीनेशन पर जोर देना होगा। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हमें जब तक दोनों डोज नहीं लगें व उसके दो महीने बाद तक भी अनिवार्यरूप से मास्क को पहनना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी लोग यह जरुरी सावधानियां बरतते हैं तो कोविड थर्ड वेब को टाला जा सकता है। बहरहाल एम्स कोविड की तीसरी लहर के मुकाबले व मरीजों को मुकम्मल उपचार देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। निदेशक ने मुख्यमंत्री को बताया कि एम्स की अब तक करीब आधी परियोजना ही बनकर तैयार हो पाई है। जबकि समग्र परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए विस्तारीकरण हेतु संस्थान को 200 एकड़ अतिरिक्त भूमि की नितांत आवश्यकता है। जिसके लिए राज्य सरकार को पूर्व में प्रस्ताव भेजकर भूमि उपलब्ध कराने की मांग की जा चुकी है, मगर अरसे बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिससे परियोजना का विस्तारीकरण लंबित है। उन्होंने बताया कि इससे मरीजों को कई आवश्यक उपचार देने में तकनीकि दिक्कतें पेश आ रही हैं और कई बार मरीजों को अतिरिक्त उपचार के लिए अन्यत्र एम्स संस्थानों के लिए रेफर करना पड़ता है। लिहाजा निदेशक एम्स ने उनसे एम्स परियोजना के विस्तारीकरण के लिए जल्द से जल्द 200 एकड़ अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। बताया गया कि मुख्यमंत्री के स्तर से इस दिशा में जल्द कार्रवाई अमल में लाने की बात कही गई है,जिससे एम्स जैसी परियोजना के विस्तारीकरण में अनावश्यक विलंब से मरीजों को किसी तरह की दिक्कतें का सामना न करना पड़े