ब्यूरो रिपोर्ट – गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर बड़े परिवार में कुलाधिपति डॉक्टर सतपाल सिंह द्वारा पत्नी के साथ आर्य समाज में आयोजित प्रातः कालीन यज्ञ में यजमान के रूप में सम्मिलित हुए तथा आर्य समाज की नवीन यज्ञशाला , आर्य समाज भवन के जीणोद्धार की नींव रखी। डॉ सिंह ने कहा कि ऋषि दयानन्द 200 साल पूरे होने के साथ सम विश्वविद्यालय मे आर्यसमाज की गतिविधियों को नया आयाम दिया जायेगा। आर्यसमाज के प्रचार- प्रसार करने वाले युवाओं के ठहरने लिए नवीन भवन का निर्माण कराया जा रहा है । दिसम्बर माह तक बनकर तैयार हो जायेगा और आर्य वीरों के प्रवास के लिए उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी श्रध्दानंद महाराज की तपस्थली से वेदों का उदघोष जरूर होना चाहिए। आज यहाँ पर यज्ञ का आयोजन हुआ इसबात का संदेश भी लोगों तक पहुंचना चाहिए।
यज्ञ की ब्रह्मा डा अनीता सेंगर ने इस अवसर पर कहा कि वेद हमारे विज्ञान है। वेदों मे विज्ञान के सम्पूर्ण आविष्कार को खोजा जा सकता है।उन्होंने कहा कि यज्ञ प्रकृति साक्षात प्रहरी है। यज्ञ पर्यावरण की पहरुआ है। यज्ञ घर -घर होना अत्यन्त आवश्यक है। यज्ञ हमारा आंतरिक शुध्दि करती है। आर्य समाज की पाठशाला मे यज्ञ की पहली शिक्षा व दीक्षा दी है।उन्होंने कहा कि यज्ञ हमारे अंदर संस्कार व संस्कृति को भी गढ़ती है। यज्ञ हमारी वायुमण्डल की ओजोन परत को मजबूत बनाती है। आर्य समाज के अध्यक्ष प्रो प्रभात कुमार सेंगर ने कहा कि कुलाधिपति डा सत्यपाल सिंह ने आर्य समाज मन्दिर का भवन व पूर्ण इमारत का संरक्षण करने का आदेश दिया जिसको दिसम्बर २०२३ तक पूरा कर ने का निर्देश दिया है इस कार्य को आर्यसमाज की टीम जल्दी ही पूरा कर देगी। इस अवसर पर प्रो सोमदेव शतान्शु कुलपति, प्रो सुनील कुमार कुलसचिव, प्रो अंबुज शर्मा, आर्य समाज के महामन्त्री प्रो देवेंद्र सिंह मलिक,रमेश कुमार, अमित कुमार अजय मलिक और दीपक आनंद ने सहभागिता की। यज्ञ का आयोजन वैदिक मंत्रों के साथ किया गया।